सी टी ई टी / टी ई टी से छूट (CTET / TET Relaxation)
CTET,
TEACHER ELIGIBILITY TEST (TET),
NCTE,
RTE,
UPTET,
HTET,
JTET /
Jharkhand TET,
OTET /
Odisha TET ,
Rajasthan TET /
RTET,
BETET /
Bihar TET,
PSTET /
Punjab State Teacher Eligibility Test,
West Bengal TET /
WBTET,
MPTET /
Madhya Pradesh TET,
ASSAM TET /
ATET
,
UTET /
Uttrakhand TET ,
GTET /
Gujarat TET ,
TNTET /
Tamilnadu TET ,
APTET /
Andhra Pradesh TET ,
CGTET /
Chattisgarh TET,
HPTET /
Himachal Pradesh TET
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No relaxation from TET ( Teacher Eligblity Test) is Possible
सी टी ई टी / टी ई टी से छूट तो स्वयं कोर्ट भी नहीं दे सकती , क्यूंकि आर टी ई एक्ट संविधान का एक हिस्सा है ,
और केंद्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन में प्रकाशित है ।
अब यह छूट संविधान में परिवर्तन के तहत ही मिल पाएगी
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मेरा
कहना है की आर टी ई एक्ट के तहत शिक्षक बनने के लिए टी ई टी / सी टी ई टी
से छूट किसी को नहीं अगर समुचित मात्रा में योग्य टी ई टी
पास शिक्षक उपलब्ध है तो ।
अभी हाल ही में नैनीताल हाई कोर्ट ने निर्णय दिया है की टी ई टी से छूट तो एन सी टी ई और उत्तरांचल राज्य सरकार भी नहीं दे सकती ,
उत्तर
प्रदेश में भी दो बार ट्रिपल बेंच बैठ चुकी है जिसमें एक ट्रिपल बेंच (
तीन जजों की बेंच) खास तोर से टी ई टी में छूट देने के सन्दर्भ में बनाई
गयी थी ।
जिसमें साफ़ किया गया की टी ई टी से छूट संभव नहीं
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यह न्यूज़ थोड़ा सा घुमा करके लिखी गयी है ,
सीटैट के बगैर भी बन सकेंगे शिक्षक
केंद्रीय
शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटैट) पास किए बगैर भी आप शिक्षक बन सकते है।
केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट (कैट) ने शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए केंद्र
व दिल्ली सरकार से शिक्षक नियुक्ति में सीटैट की अनिवार्यता में छूट देने
का निर्देश दिया है। पंचाट ने सरकार से सीटैट की जगह अनुभव को तरजीह देने
का निर्देश दिया है।
पंचाट के न्यायिक सदस्य ए.के. भारद्वाज और बिरेंद्र कुमार की पीठ ने यह आदेश
सीटैट की योग्यता नहीं होने की वजह से नौकरी से निकाले गए ठेका पर कार्यरत शिक्षकों
की ओर से दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए दिया है। पीठ ने अपने फैसले
में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा-23 का हवाला देते हुए कहा है कि प्रशिक्षित शिक्षकों के अभाव में केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने की अनिवार्यता में छूट दे सकती है।
पीठ ने सरकार से सभी याचिकाकर्ताओं को दोबारा नौकरी देने पर विचार करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि
केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट में केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों में
नियुक्ति, प्रमोशन एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई से संबंधित विवादों का
निपटारा किया जाता है।
News Source / Sabhaar : 21.07.2014
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कॉन्ट्रैक्ट
/ ठेका कर्मियों को बगैर टेट हटाया जा रहा था और उसके बारे में केंद्र
सरकार की ट्रिब्यूनल कोर्ट ने निर्णय दिया है , अगर
प्रशिक्षित (टेट पास ) कर्मी नहीं मिलते है , तो अप्रशिक्षितों से काम चलाया जा सकता है ।
हिंदुस्तान में बहुत सारे विभागों के अपनी कोर्ट स्वयं होती है , जिस से वह जल्द फैसले दे कर काम काज में आ रही बाधा को हटा सकें ,
ऐसे ही केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रसाशनिक प्राधिकरण ( सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ) बना रखी है ।
संविधान के तहत न्याय पाने के लिए उस से ऊपर हाई कोर्ट , फिर सुप्रीम कोर्ट है
अगर मेरी बात में कहीं गलती हो, तो कमेंट' के माद्यम से गलती बताएं व उसको सुधारें
धन्यवाद